हरिद्वार की हरकी पैड़ी में गंगा की धारा को दस्तावेजों में स्कैप चैनल यानी नाला बनाने वाली कांग्रेस सरकार ने तो पाप किया ही था.. लेकिन भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार भी इस पाप में 3 साल की भागीदार बन गई है। पहले आपको मां गंगा को दस्तावेजों में नाला नाम देने से जुड़ी जानकारी जाननी चाहिए.. तो आपको बता दें कि साल 2016 में हर की पैड़ी क्षेत्र में मां गंगा की धारा को तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने स्कैप चैनल घोषित किया था… यानी गंगा नदी की जगह एक नाला माना गया। जिसके बाद तमाम अखाड़ों और साधु-संतों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया। जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में निर्माण कार्य या दूसरी गतिविधियां करने के लिए हरदा कि सरकार ने यह फैसला लिया था। ताकि एनजीटी या पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से इस क्षेत्र में कोई दिक्कत ना हो। इसके बाद भाजपा सरकार में ये आदेश बदलने और गंगा की धारा को फिर उसी नाम से पुकारे जाने की उम्मीद लगाई गए..लेकिन 3 साल से ज्यादा के कार्यकाल में अब तक त्रिवेंद्र सरकार इस पर फैसला नहीं ले पाई है जिसके बाद हरीश रावत ने अब इसको लेकर बड़ा कटाक्ष किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मदन कौशिक ने स्कैप चैनल के आदेश को वापस लेने से जुड़ी बैठक में कोई फैसला न लेकर लोगों की उम्मीदें तोड़ी है। हरीश रावत ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा कि हमारी सरकार ने इस आदेश को लेकर कुछ महीनों का ही पाप किया लेकिन त्रिवेंद्र सरकार तो सवा 3 साल से इस पाप में भागीदार बनी है।।।