उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता किशोर उपाध्याय को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे वह सभी गलत साबित हुए हैं किशोर उपाध्याय ना तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए और ना ही इसको लेकर कोई संकेत भाजपा की तरफ से दिए गए।
हालांकि बड़ी बात यह है कि किशोर उपाध्याय को मौजूदा चर्चाओं के बीच राहुल गांधी ने दिल्ली बुलावा भेजा था, साथ ही प्रीतम सिंह को भी दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन राहुल गांधी के बुलावे पर भी किशोर उपाध्याय दिल्ली नहीं गए…ये बात और चर्चा को और भी बढ़ा रही थी जिसमें उनके दलबदल की बात कही जा रही थी। बताया जा रहा है कि किशोर उपाध्याय फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों के लिहाज से विभिन्न पार्टियों में अपने राजनीतिक भविष्य को निहार रहे हैं, हालांकि उनकी किसी भी पार्टी में भी बात नहीं बनने की बात भी सामने आ रही है। इस सब के बावजूद यह बड़ी बात है कि राहुल गांधी अपने किसी नेता को दिल्ली मुलाकात के लिए बुला रहे हो और हम नेता उनके कहने पर भी दिल्ली ना पहुंचे तो लाजमी है कि नाराजगी बहुत ज्यादा है और कभी भी दलबदल की संभावना बन रही है।