उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव पर ऐसे कई आरोप हैं जो लगातार लगते रहे हैं, खास बात यह है कि ऊर्जा निगम को इन मामलों में खासा नुकसान भी झेलना पड़ा है हालांकि कभी भी अनिल कुमार यादव पर लगे आरोपों से जुड़े मामलों में जांच उनके खिलाफ अंतिम रूप से नहीं आ पाई, लेकिन उनका नाम लगातार निगम के कई गड़बड़ी से जुड़े मामलों में आता रहा है, खास बात यह भी है कि इन आरोपों के बीच यह माना जाता रहा कि अनिल कुमार यादव को प्रबंध निदेशक जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती, ऊर्जा निगम में हमेशा सवालों के घेरे में रहने वाले अनिल कुमार यादव को इन सभी आशंकाओं से हटकर प्रबंध निदेशक की कुर्सी दे दी गई लेकिन आरोप जस के तस बने हुए हैं, अनिल कुमार यादव पर लगे आरोपों के बाद भी प्रबंध निदेशक की कुर्सी उन्हें कैसे मिल गई इसके लिए हिलखंड संवाददाता ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से बातचीत की और उनसे पूछा कि आखिरकार आपने ऐसे विवाद में रहने वाले अधिकारी को कैसे प्रबंध निदेशक बना दिया.. इस पर हरक सिंह रावत ने अपना एक अलग तर्क रखा हरक सिंह रावत ने कहा कि जो आरोप अनिल कुमार यादव पर लगाए गए हैं वह उन तक भी पहुंचे थे और अनिल कुमार यादव की शिकायत भी विभिन्न माध्यमों से उन तक पहुंची थी और इसीलिए इन मामलों की सच्चाई जानने के लिए पूर्व की विजिलेंस जांच से लेकर उनकी CR तक मंगवाई गई, लेकिन कहीं पर भी अनिल कुमार यादव के खिलाफ कोई भी गड़बड़ी का मामला पुष्ट नहीं दिखाई दिया। हरक सिंह रावत ने कहा कि कई बार एक दूसरे को नुकसान करने के लिए भी आरोप लगाए जाते हैं और अनिल कुमार यादव पर ऐसा कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है इसलिए उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि अनिल कुमार यादव पर क्या आरोप लगे थे। क्योंकि आरोपों में सच्चाई भी होनी चाहिए।