हृदय रोग का इलाज कराने उत्तराखंड ही नही देश के विभिन्न राज्यों के मरीज पहुंच रहे श्री महंत इंदिरेश अस्पताल

राजधानी देहरादून में श्री महंत इंदिरेश अस्पताल न केवल उत्तराखंड में विभिन्न रोगों के बेहतर इलाज को लेकर मरीजों की प्राथमिकता बना हुआ है, बल्कि हृदय रोग को लेकर भी अस्पताल में मौजूद विभिन्न सुविधाओं का लाभ देश के विभिन्न राज्यों के मरीज ले रहे हैं… अस्पताल में उत्तराखंड समेत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हिमाचल, हरियाणा, पंजाब मध्य प्रदेश के मरीज आते हैं। इसी कड़ी में ह्रदय रोग का इलाज कराने के लिए ग्वालियर से सेवानिवृत्त ऑनरेरी कैप्टन विशना सिंह भी अस्पताल में पहुंचे हैं।
विशना सिंह श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर कर्नल सलिल गर्ग से इलाज करवा रहे हैं। दरअसल कर्नल सलिल गर्ग 2018 में आर. आर. आर्मी अस्पताल नई दिल्ली में कार्यरत थे, जहां कर्नल सलिल गर्ग ने ही 86 वर्षीय वृद्ध विशन सिंह की एंजियोप्लास्टी की थी। एंजियोप्लास्टी के सफल इलाज के कारण आज विशन सिंह पूरी तरह स्वस्थ हैं। विशन सिंह ने जानकारी दी 2018 में दिल का दौरा पड़ने के बाद डाॅं0 कर्नल सलिल गर्ग ने न सिर्फ उनकी सफल एंजियोप्लास्टी की बल्कि साथ ही विस्तृत काउंसलिंग भी की। काउंसलिंग में उन्होंने अपने हृदय रोगों के कारण, इलाज, इलाज के उपरान्त बरती जाने वाली सावधानियाॅं व परहेज, एंजियोग्राफी के उपरान्त समय-समय पर लिए जाने वाले परामर्श एवम् जाॅंचों के बारे में सटीक तस्वीर दी।
विशन सिंह डाॅं0 कर्नल सलिल गर्ग, डी0एन0बी0(कार्डियोलाॅजी) द्वारा दिये गये इलाज व काउंसलिंग से इतने प्रभावित हुए कि एंजियोग्राफी के उपरान्त जरूरत पड़ने वाले परामर्श व जाॅंचों के लिए वे डाॅं0 कर्नल सलिल गर्ग से मिलने ग्वालियर से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून आ पहुॅंचे। विशन सिंह ने कहा कि दिखा तो वे आर0आर0 आर्मी अस्पताल, नई दिल्ली या ग्वालियर के किसी अस्पताल में भी सकते थे पर उन्हें विश्वास सिर्फ कर्नल सलिल गर्ग पर ही था एवम् उन्होंने श्री महंत इन्दरेश अस्पताल की प्रतिष्ठा के बारे में भी के बारे में ग्वालियर तक में सुन रखा है। इसी से प्रभावित होकर डाॅ0 कर्नल सलिल गर्ग से इलाज करवाने के लिए देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुॅंच गये। अस्पताल की अत्याधुनिक सुविधाएं पाकर भी वह बहुत खुश हुए।
गौरतलब है कि डाॅं0 कर्नल सलिल गर्ग देश के नामचीन कार्डियोलाॅजिस्टों में से एक हैं जिन्हें 10000 से ज्यादा एंजियोग्राफी, 5000 से ज्यादा एंजियोप्लास्टी, 1000 से ज्यादा पेसमेकर इम्प्लांटेशन, 200 से ज्यादा इंट्रा-कार्डियक डीफिबरिलेटर्स इम्पलांटेशन करने का अनुभव है। इसके अलावा वे 200 से ज्यादा बी0एम0वी0 पोसिजर्स भी कर चुके हैं। बी0एम0वी0 वह पोसिजर है जिसमें हार्ट वाल्व को फुलाया जाता है एवम् जब वाल्व सिकुड़ जाता है तो जिसे ट्रांसन्सेरटिक वाल्व रिप्लेसमेंट कहा जाता है। आर0आर0आर्मी अस्पताल, नई दिल्ली में में उन्होंने टीएवीआर जिसमें की एओरटिक वाल्व को बदला जाता है और हृदय प्रत्यारोपण का स्थापन करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपनी डी0एन0बी0आर0 आर्मी अस्पताल, नई दिल्ली से की है और उससे पहले वह तंगधार व र्दाचुला जैसी दुर्गम जगहों पर सेवाएं कर चुके हैं। साथ ही में वह मिलट्री अस्पताल, देहरादून में भी सेवाएं दे चुके हैं। इसके उपरान्त उन्होंने आर0आर0आर्मी अस्पताल, नई दिल्ली, वैंकटेश्वरा अस्पताल, देहली हार्ट एण्ड लंग इंस्टीट्यूट एवम् फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में बतौर कार्डियोलाॅजिस्ट सेवाएं दी हैं। इस अवसर पर डाॅं0 कर्नल सलिल गर्ग ने कहा कि सर्वोतम इलाज देने के साथ-साथ रोगी का विश्वास जीतना व उससे व्यक्तिगत मित्रवत रिश्ता बनाना भी अहम है। उन्होंने डाॅक्टरों के द्वारा रोगियों की बेहतरीन काउंसलिंग को इलाज का महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे युवा छात्र-छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा कि कार्डियोलाॅजी में सुपर-स्पेशलिटी न सिर्फ बेहतर कैरियर विकल्प है बल्कि मानव-सेवा का स्वर्णिम अवसर भी है। वहीं उन्होंने आम जनमानस का आहवाहन करते हुए कहा कि स्वस्थ-दिनचर्या व खान-पान स्वस्थ हृदय के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि योग, पैदल चलना व दौड़ना, तनाव व धूम्रपान से दूर रहना, संतुलित आहार व जीवन-शैली ही स्वस्थ हृदय का मूल-मंत्र हैं।

*हिलखंड*

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