अब भर्ती परीक्षाएं निरस्त करने की तैयारी, एक नहीं कई परीक्षाओं पर सरकार लेगी फैसला

उत्तराखंड में पेपर लीक मामले को लेकर एसटीएफ की जांच के दौरान एक के बाद एक आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद मामला और भी ज्यादा गर्माता जा रहा है. स्थिति यह है कि जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसे परीक्षा में धांधली करने वाले लोगों पर नकेल कसने के लिए सख्त रुख अपना रहे हैं तो वही दूसरी तरफ परीक्षाओं को लेकर भी सरकार फिलहाल मंथन में जुटी हुई है. हालांकि इस सब के बीच खबर यह है कि धामी सरकार स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को निरस्त करने की तैयारी में है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई इस परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था जिस पर एसटीएफ जांच कर रही है. देखा जाए तो इस परीक्षा को निरस्त कराया जाने का ही एक मात्र रास्ता सरकार के पास रह गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि स्नातक स्तरीय इस परीक्षा में तीन पालियों में परीक्षाएं कराई गई थी, और एसटीएफ ने अपनी जांच में पाया है कि तीनों ही पालियों के पेपर लीक हुए थे, यानी परीक्षा में बैठने वाले हर परीक्षार्थी पर शक की सुई घूम रही है. उधर नकल से जुड़ी पुरानी जांचो का अनुभव कहता है कि जांच के बाद भी जांच एजेंसी सभी आरोपियों तक पहुंच पाएगी यह कहना मुश्किल है, ऐसे में पेपर लीक का लाभ लेने वाले सभी अभ्यर्थियों को चिन्हित कर पाना भी एसटीएफ के लिए करीब करीब नामुमकिन होगा. लिहाजा ऐसी स्थिति में परीक्षा को निरस्त कर फिर से परीक्षा कराने का ही एकमात्र विकल्प दिखाई देता है।

बात केवल आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा की ही नहीं है इसके अलावा वन दरोगा भर्ती के साथ सचिवालय रक्षक पद पर भी जो परीक्षा कराई गई है उसको भी निरस्त कराने की संभावना है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इन जांचों के अंतिम छोर तक पहुंचने के बाद फिर से परीक्षा कराने का फैसला ले सकती है। मौजूदा स्थितियों से तो परीक्षाएं निरस्त होना करीब-करीब तय ही माना जा सकता है।

LEAVE A REPLY