चुनाव मैदान में उतर चुके भाजपा और कांग्रेस के बागियों को पिछले कुछ दिनों से मान मनोव्वल कर मनाने की कोशिश की जा रही है.. प्रदेश में आज नामांकन वापसी का आखरी दिन है लिहाजा आज भी इन बागी नेताओं को मनाने की कोशिश की जाएगी ताकि यह नेता निर्दलीय रूप से कराए गए नामांकन को आज वापस ले ले, हालांकि पिछले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेताओं को बागियों को मनाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। लिहाजा पार्टी के नेताओं के पास आज का ही समय है जब वह इन बागियों को बना सकते हैं। उधर यह भी तय हो गया है कि यदि पार्टी के नेता नहीं मानते हैं और बगावत करते हुए चुनाव मैदान में निर्दलीय रूप से डटे रहते हैं तो इन बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया जाएगा।
हालांकि माना जा रहा है कि इन बागियों में जो नेता अपनी विधानसभा में मजबूत है और उन्हें जीत की उम्मीद है वह नेता फिलहाल नहीं माने जा रहे हैं और वह निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ेंगे लेकिन जो बागी कमजोर स्थिति में है और खुद की जीत को लेकर खुद ही आश्वस्त नहीं है वही नेता अब नाम वापसी के लिए मानेंगे।
आपको बता दें कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के 22 बागी 16 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं और यह बागी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए। यही हाल कांग्रेस का भी है कांग्रेस के प्रदेश भर में 13 बागियों ने निर्दलीय रूप से नामांकन करवाया है और अब भी लगातार चुनाव लड़ने के लिए डटे हुए हैं।
कपकोट विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागी शेर सिंह गढ़िया को मनाने में कामयाबी पाई है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कालाढूंगी विधानसभा सीट पर गजराज बिष्ट को नाम वापसी के लिए मना लिया है। उधर दूसरी तरफ डोईवाला सीट पर सौरभ थपलियाल और सुभाष भट्ट को मनाने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस में रायपुर विधानसभा से निर्दलीय ताल ठोक चुके सूरत सिंह नेगी ने भी नाम वापसी का मन बना लिया है।