देहरादून जिले में आखिरकार पीसीएस अफसर रामजी शरण वापस लौट आए हैं, वैसे उन्हें पहाड़ चढ़े कुछ ही समय हुआ था लेकिन सबको चौकाते हुए इस अफसर ने देहरादून वापसी कर ली है। वैसे पहाड़ चढ़ने के बाद देहरादून जैसे बड़े जिले में वापसी बेहद मुश्किल होती है लेकिन तमाम अफसरों की फौज के बावजूद शासन को राम जी शरण का ही चेहरा पसंद आया। हालांकि यह सामान्य प्रक्रिया है और शासन स्तर पर किसी को भी ये जिम्मेदारी दी जा सकती है लेकिन जब इस तरह किसी एक अधिकारी को एक ही जिम्मेदारी पर कम समय में दोबारा तैनाती मिल जाए तो सवाल तो उठते ही हैं। बहरहाल कई दूसरे अफसर भी इस पद को लेकर नजरें बनाए हुए थे लेकिन शासन को रामजी शरण ही जिम्मेदार और काबिल दिखे शायद इसीलिए उन्हें दोबारा मौका दे दिया गया।
बदलाव तो होते रहते हैं लेकिन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के विवादों में आने के बाद यहां पर हो रहे बदलाव भी सबकी निगाहों में है। मौजूदा बदलाव पीसीएस अफसर शालिनी नेगी के रूप में हुआ है जिन्हें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिम्मेदारी से हटा दिया गया है। लिहाजा इतने महत्वपूर्ण और विवादित जगह पर बार-बार यह बदलाव क्यों हो रहे हैं यह भी चर्चा का सबब बने हुए हैं।
तीसरी चर्चा देहरादून जिले को लेकर ही है यह खबर यह है कि जहां एक तरफ एडीएम रहे केके मिश्रा को हटा दिया गया है तो दूसरी तरफ कुछ और बदलाव भी हो सकते हैं। चर्चा है कि एडीएम राजस्व के बाद एडीएम प्रशासन का भी नंबर आ सकता है यानी शासन स्तर पर कुछ नए बदलाव के दौरान यहां भी फेरबदल हो सकता है।