उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद अचानक नदी में जलस्तर बढ़ने से न केवल चमोली बल्कि आसपास के तमाम जिलों में भी खतरा बढ़ गया है। ग्लेशियर टूटने के बाद जोशीमठ में बन रहे रामगंगा प्रोजेक्ट को भी इससे नुकसान हुआ है जबकि यहां बन रहे रेल मार्ग के कार्य को भी फिलहाल रोक दिया गया है साथ ही राफ्टिंग की तमाम गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निगाह बनाए हुए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से बात करते हुए सभी जरूरी मदद केंद्र की तरफ से दिए जाने की बात कही है प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के साथ है और सभी उत्तराखंड के लिए बेहतर स्थितियों की प्रार्थना कर रहे हैं।
उधर गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात करते हुए युद्ध स्तर पर कार्यों को किए जाने और राहत कार्यों को पूर्ण गति से आगे बढ़ाने के लिए कहा है। साथ ही केंद्र की तमाम टीमों को भी राज्य की मदद के लिए निर्देशित किया गया है।
राजधानी देहरादून में निजी हेलीकॉप्टर के साथ ही वायुसेना के हेलीकॉप्टर को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है ताकि रेस्क्यू कार्यो को तेजी से किया जा सके। सूत्रों के अनुसार रामगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं करीब 50 लोगों के लापता होने की खबर है। हालांकि इसको लेकर अधिकृत जानकारी नहीं दी जा सकी है और सरकार की तरफ से फिलहाल काफी बचकर कदम बढ़ाया जा रहा है। अब तक इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं कितने लोग लापता हैं इसकी भी अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है।
खास बात यह है कि चमोली के साथ ही रुद्रप्रयाग पौड़ी और टिहरी के साथ ही देहरादून के ऋषिकेश और हरिद्वार में भी अलर्ट के निर्देश दिए गए हैं।
*हिलखंड*
*बड़ी खबर-जोशीमठ के रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटा, गंगा किनारे बसे लोगों को हटाने का काम शुरू, ऋषिकेश और हरिद्वार तक बढ़ा खतरा*