पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके पुत्र आनंद रावत के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर चल रही वार्ता वाकई चौंकाने वाली है, आनंद रावत अपने पिता से नाराजगी और उनकी गलतियों को सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखकर सार्वजनिक रूप से बता रहे हैं तो इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि हरीश रावत भी अपने पुत्र को इन सवालों का जवाब सोशल अकाउंट पर ही दे रहे हैं। हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए अपने पुत्र आनंद सिंह रावत को क्या लिखा पढ़िए….
#आनंद मैंने तुम्हें कभी येड़ा नहीं समझा। वक्त ने मजबूरन समझा दिया। चाहे 2012 में लालकुआं हो या 2017 में जसपुर। मुझे गर्व है, तुमने नशे से लड़ने के लिए उत्तराखंड के परंपरागत खेलों को प्रचारित-प्रसारित किया। कितने युवा नेता हैं जो तुम्हारी तरह युवाओं तक “रोजगार अलर्ट” के लिए रोजगार समाचार पहुंचाते हैं। कितने नेता है जो लड़के और लड़कियों को सेना या पुलिस में भर्ती हो सके इस हेतु प्रारंभिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं। तुम्हारी सोच पर मुझे गर्व है। आज जब सारी राजनीति हिंदू-मुसलमान हो गई है। रोजगार, महंगाई, सामाजिक समता व न्याय, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे प्रश्न खो गए हैं। मैंने रोजगार, शिक्षा को प्रथम लक्ष्य बनाकर काम किया। मैं ही खो गया। मैं रोजगार को केरल मॉडल पर लाया। तुलनात्मक रूप में सर्वाधिक तकनीकी संस्थान जिसमें नर्सिंग भी सम्मिलित हैं, हमारे कार्यकाल में खुले और सर्वाधिक भर्तियां हुई। आज शहर का मिजाज बदला हुआ है । परंतु तुमने बुनियादी सवाल और हम जैसे लोगों की कमजोरियों पर चोट की है। डठे रहो।
बाप न सही-समय तुम जैसे लोगों के साथ न्याय करेगा।
हरीश रावत के इस लंबे चौडे पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं हालांकि इन सबके बीच पिता पुत्र के बीच की नाराजगी का ही पूरा चैप्टर कांग्रेश के भीतर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।