उत्तराखंड में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर होने वाली परीक्षा पर संशय की स्थिति पैदा हो गई है। वैसे यह परीक्षा 28 मई को होनी है लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए इस परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने के निर्देश दिए थे। उधर एक रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से 28 मई को ही परीक्षा कराए जाने के लिए कहा गया है प्राविधिक शिक्षा को यूं तो यह परीक्षा 28 मई को ही करानी थी लेकिन राज्य में 2 जिलों में ही इस परीक्षा के केंद्र बनाए जाने के कारण अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे थे जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संक्रमण को देखते हुए हर जिले में परीक्षा केंद्र बनाए जाने के निर्देश दिए थे खास बात यह है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद की तरफ से भी एक नोटिस जारी करते हुए अभ्यर्थियों से केंद्रों के चयन को लेकर इच्छा के संबंध में जानकारी दी गई थी
लेकिन इस सब के बावजूद अब बताया जा रहा है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग 28 मई को ही इस परीक्षा को कराने के निर्देश दे चुका है। ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने परीक्षा को लेकर दुविधा का पैदा होना लाजमी है और इससे कई अभ्यर्थियों को असुविधा हो सकती है। बड़ी बात यह भी है कि जब मुख्यमंत्री की तरफ से परीक्षा को स्थगित करने के आदेश दिए गए थे तो फिर क्यों नहीं एक महीने बाद इस परीक्षा को कराया जा रहा। हालांकि राज्य में स्टाफ नर्स की भारी कमी है लेकिन इसके बावजूद अभ्यर्थियों की सुविधाओं को भी देखना विभाग का ही काम है।
बड़ी बात यह भी है कि इस वक्त अस्पतालों में एनएचएम या उपनल के जरिए ड्यूटी दे रहे नर्सिंग स्टाफ को हो रही दिक्कतों का समाधान कैसे किया जाएगा। जबकि यह nursing स्टाफ सामूहिक इस्तीफा देने समेत हड़ताल तक की चेतावनी दे चुके हैं। उधर आज से एनएचएम के तहत काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी अस्पतालों में काली पट्टी पहनकर अपने विरोध स्वरूप अस्पतालों में काम करते हुए दिखाई देंगे।
*हिलखंड*
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