तो नर्सिंग कॉलेज की लापरवाही और सीएमओ कार्यालय की अनदेखी ने बिगाड़े हालात, बच्चों की जान से खिलवाड़

राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं लेकिन कुछ संस्थान और लोग ऐसे भी हैं जो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह और सरकार के इन प्रयासों को पलीता लगाने में लगे हुए हैं। टिहरी में राजकीय नर्सिंग कॉलेज सुरसिंग धार इन दिनों  संक्रमण की जद में है… दरअसल यहां पर हाल ही में 95 छात्र कोरोना संक्रमित मिले है.. जिसके बाद इस परिसर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कोरोना के इस विस्फोट के बाद राजकीय नर्सिंग कॉलेज का प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया है। खबर है कि नर्सिंग कॉलेज में कई छात्रों में कोरोना के सिस्टम होने के बावजूद भी प्रबंधन की तरफ से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए गए। यही नहीं कुछ लोग कहते हैं कि इस मामले को नर्सिंग कॉलेज की तरफ से दबाया भी गया। उधर इस मामले को जब सीएमओ कार्यालय तक पहुंचाया गया तो CMO साहिबा भी इस मामले से अनजान बनी रही। हालांकि मामले को लेकर प्रशासन ने बेहद गंभीरता के साथ काम किया और जिलाधिकारी और एसडीएम की सक्रियता के कारण नर्सिंग कॉलेज में सैंपलिंग की जा सकी, जिसके बाद 95 बच्चे संक्रमित पाए गए।

अब सवाल उठता है कि आखिरकार संक्रमण के इस दौर में जब सभी लोग इससे बचाव और रोकथाम को लेकर प्रयास में जुटे हुए हैं ऐसे मौके पर प्रबंधन ने क्यों पहले ही प्रशासन या सीएमओ कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं दी, उधर CMO कार्यालय को इसकी जानकारी थी तो फिर क्यों सैंपलिंग में इतनी देरी की गई। जबकि करीब 1 हफ्ते पहले ही इस मामले की जानकारी आ रही थी कि राजकीय नर्सिंग कॉलेज में कई छात्रों में कोरोना के सिम्टम हैं। ऐसे में अब जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि वह इस मामले पर जांच गठित करें और लापरवाही होने पर सख्त कार्रवाई भी करें क्योंकि यह मामला बच्चों की जिंदगी से जुड़ा है ऐसे में इस पर जांच और भी जरूरी हो जाती है।

*हिलखंड*

*यहां मंत्री जी के भांजे को भी नही मिला आईसीयू बेड, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर अधिकारियों के खोखले दावे -*

 

 

 

यहां मंत्री जी के भांजे को भी नही मिला आईसीयू बेड, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर अधिकारियों के खोखले दावे

 

 

 

 

 

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