कर्मकार कल्याण बोर्ड में तमाम घोटालों को लेकर त्रिवेंद्र सरकार के दौरान जो आरोप लगाए गए वह अब सवालों के घेरे में हैं। दरअसल उस दौरान इन मामलों में जांच के आदेश भी दिए गए और अखबारों की सुर्खियों में कथित घोटालों का जिक्र भी किया गया। लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत के गद्दी से हटते ही यह सारे आरोप हवा हो गए। ऐसे में हरक सिंह रावत का अब त्रिवेंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनसे सवाल करना पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के लिए मुसीबतें बढ़ाने जैसा हो रहा है। दरअसल हरक सिंह रावत ने सवाल किया है कि यदि साइकिल घोटाला हुआ तो फिर जांच के आदेश होने के बाद डिलीवरी करने वाली कंपनियों का पेमेंट क्यों किया गया। हरक सिंह रावत ने साफ किया कि उन्हें बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गई थी। जबकि उन मामलों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करवाया गया।
हरक सिंह रावत के इस बयान से त्रिवेंद्र सिंह रावत निश्चित रूप से बैकफुट पर होंग ऐसा इसलिए क्योंकि जिस जांच को त्रिवेंद्र सरकार ने करवाया गया उसका अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है। यही रही जिस मामले में आरोप लगाया है उससे जुड़ी कंपनियों के भी पेमेंट कर दिए गए। बहरहाल अब देखना होगा कि इस मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से क्या बयान आता है।
*हिलखंड*
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