उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एक तरफ जहां सहायक अध्यापक एलटी भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट दे दी है तो वही क्लीन परीक्षाओं में धांधली मानते हुए इनकी परीक्षाएं दोबारा कराए जाने का निर्णय लिया है। इन परीक्षाओं में स्नातक स्तरीय परीक्षा, वन दरोगा और सचिवालय रक्षक भर्ती शामिल है। अब इन तीनों ही परीक्षाओं को दोबारा से मार्च के दूसरे सप्ताह तक कराए जाने पर विचार चल रहा है। दूसरी तरफ कनिष्ठ सहायक व्यक्तिक सहायक पुलिस रैंकर्स उपनिरीक्षक भर्ती जिनके परीक्षा परिणाम आ चुके हैं साथ ही वाहन चालक कर्मशाला अनुदेशक मत्स्य निरीक्षक और मुख्य आरक्षी दूरसंचार जिनके परिणाम आने बाकी है इन सभी परीक्षाओं को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कार्यवाही को आगे करने के लिए शासन से विधिक राय लिए जाने का निर्णय हुआ है।
इस सब के बीच खास बात यह है कि स्नातक स्तरीय परीक्षा वन दरोगा और सचिवालय रक्षक भर्ती में जिन युवाओं का चयन हुआ था उन्होंने आज आयोग के इस फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है। युवाओं ने आयोग के कार्यालय के बाहर बैठकर न केवल आयोग पर कई तरह के आरोप लगाए बल्कि मुंडन करवाकर इस फैसले का विरोध भी किया है। युवाओं ने कहा कि परीक्षाओं को साफ-सुथरी तरह से कराने में आयोग असफल रहा है और अब इतने समय बाद उन्हें दोबारा परीक्षाएं करवाए जाने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा की सहायक अध्यापक एलटी भर्ती परीक्षा को आयोग ने कैसे क्लीन चिट दे दी यह समझ से परे है। आरोप लगाए गए कि जब एक ही एजेंसी द्वारा यह परीक्षाएं कराई गई तो उस एजेंसी ने केवल एलटी परीक्षा को ही कैसे साफ सुथरा रहने दिया। यही नहीं जहां एक तरफ स्नातक स्तरीय परीक्षा में इतने महीनों से एसटीएफ जांच में जुटी है वहीं कुछ ही समय में आयोग ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा को जांच के जरिए कैसे क्लीन चिट दे दी।
इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा। साथ ही युवाओं ने आयोग विरोधी नारेबाजी कर न्याय की मांग की।उधर दूसरी तरफ आयोग अपने इस फैसले को लेकर अपना तर्क पेश करता रहा। आयोग के अध्यक्ष ने इस निर्णय को बेहद साफ सुथरा और युवाओं के हक वाला बताया।