उत्तराखंड में उपनल कर्मियों ने राज्य सरकार से मानदेय बढ़ोतरी को लेकर कुछ सवाल किए हैं, दरअसल हाल ही में उपनल कर्मियों को दो श्रेणियों में रख कर 2000 और ₹3000 बढ़ाने का फैसला लिया गया था। जिसके आदेश कर दिए गए हैं, लेकिन उपनल कर्मी इसे गलत करार देते हुए सरकार द्वारा वादा तोड़े जाने की बात कह रहे हैं, दरअसल उपनल कर्मियों के मानदेय को लेकर हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया था जिसने कर्मचारियों का वेतन में बढ़ोतरी को चार अलग-अलग श्रेणियों में रखकर 15000 से 40000 तक करने की सिफारिश की थी लेकिन इन सभी सिफारिशों को दरकिनार करते हुए कैबिनेट की बैठक में केवल 2000 से 3000 वेतन बढ़ाए जाने पर मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष हरक सिंह रावत ने भी माना- गलत हुआ निर्णय
मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष हरक सिंह रावत ने भी यह बात को भूल की है कि जिस तरह से कैबिनेट की बैठक में दो से ₹3000 3 महीने में प्रोत्साहन राशि के साथ दिए जाने की बात कही गई है वह गलत है क्योंकि कम वेतन वाले इन कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकार निर्णय कर रही थी और इसमें इन्हें हर महीने बेहतर मानदेय मिलना चाहिए था।
उपनल कर्मचारी फिलहाल आंदोलन को लेकर विचार कर रहे हैं और अब उपनल कर्मियों की नजर 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक पर है। उपनल कर्मियों के संगठन के अध्यक्ष हेमंत कहते हैं कि संगठन 28 अक्टूबर की कैबिनेट का इंतजार कर रहा है यदि तब तक कोई निर्णय नहीं हुआ तो इसके आगे आंदोलन के लिए कर्मचारी तैयार है।
*हिलखंड*
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