नई शिक्षा नीति के सुगम क्रियान्वयन पर सकारात्मक बदलाव की जरूरत, श्री गुरुराम राय में नई नीति को लेकर हुआ चिंतन

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक एण्ड एप्लाइड साइंसेज की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के पहले दिन नई शिक्षा नीति-2020 (एन.ई.पी.-2020) के सुगम क्रियान्वयन की बात विशेषज्ञों ने जोर देकर कही। विशेषज्ञों ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू कर विश्वविद्यालयों में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। इन बदलावों से छात्र-छात्राओं व विश्वविद्यालय दोनों को ही लाभ मिलेगा। कार्यशाला में समग्र शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं के समग्र कौशल विकास के मॉडल को भी विशेषज्ञों ने रेखांकित किया।

शुक्रवार को कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. ए.के. डोबरियाल, डीन स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज़, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर, डॉ अजय कुमार खण्डूड़ी, कुलसचिव, एसजीआरआर विश्वविद्यालय प्रो डॉ कुमुद सकलानी, डायरेक्टर एकेडमिक व कार्यशाला संयोजक ने संयुक्त रूप से किया। एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खण्डूड़ी ने कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो. डॉ एके डोबरियाल का स्वागत एवम् अभिनंदन किया। कुलसचिव ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अन्तर्गत नए पाठ्यक्रमों की संरचना की गई है, यह बेहद प्रभावी एवम् छात्र-छात्रों के लिए लाभकारी है। नई शिक्षा नीति रेखांकित करती है कि किस प्रकार के कोर्सेज विश्वविद्यालयों में संचालित किए जाने चाहिए। वर्तमान समय की मांग के अनुकूल विश्वविद्यालयों को क्या क्या बदलाव करने चाहिए एवम् पाठ्यक्रमों की सरंचना किस प्रकार की जाए।

कार्यक्रम संयोजक प्रो डॉ कुमुद सकलानी ने कहा कि यूजीसी नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत इस बात पर जोर डाल रही है कि महत्वपूर्णं सोच, अच्छा संचार कौशल विश्वविद्यालय सुनिश्चिित किए जाने चाहिए। एसजीआरआर विश्वविद्यालय एक प्रगतिशील विश्वविद्यालय है, विश्वविद्यालय ने प्रभावी रूप से नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है।

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