उत्तराखंड में अब परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देने की तैयारी की जा रही है, इस दिशा में उत्तराखंड सरकार के ऊर्जा मंत्री ने हिमाचल के ऊर्जा मंत्री से बात कर वहां की नीतियों को जानने की कोशिश की। दरअसल हिमाचल प्रदेश में अधूरी परियोजनाओं या ठप परियोजनाओं के लिए नियमों में बदलाव किया है और शिथिलता देते हुए उर्जा सेक्टर को बढ़ावा देने की कोशिश की है।
इसी बात से सीख लेते हुए उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री ने भी प्रदेश में कारगर साबित न हो पाने वाली परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देने पर विचार शुरू किया है। हरक सिंह रावत कहते हैं कि उत्तराखंड में वैकल्पिक ऊर्जा को लेकर परियोजनाएं दी गई थी और 200 मेगा वाट की इन परियोजनाओं के बेहतर रिजल्ट नहीं आ पाए, लिहाजा नियमों में शीतलता करते हुए उन्हें पीपीपी मोड पर दिया जा सकता है हालांकि इसमें आवंटित परियोजना वाले व्यक्ति को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
उधर दूसरी तरफ हिमाचल उत्तराखंड से 200 मेगावाट की यूनिट जो निशुल्क लेता है उसके लिए पोंटा में सब स्टेशन स्थापित करना चाहता है उसकी मंजूरी भी आज हिमाचल को देने की बात कही गई है।