उत्तराखंड में 2 वीवीआईपी सीट इस बार चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चाओं में है दरअसल एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खटीमा सीट पर कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की लालकुआं विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस के बागी के चुनाव मैदान में होने के चलते यह सीट कांटे की टक्कर की मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस सीट पर काफी कड़े मुकाबले में है और कांग्रेस के युवा प्रत्याशी ने उन्हें अच्छी टक्कर दी हुई है और इस सीट पर अंतिम क्षण तक कोई भी परिणाम सामने आ सकता है उधर दूसरी तरफ हरीश रावत भी बागी संध्या डालाकोटी के चुनाव में उतरने के बाद परेशानी में है और इस सीट पर भी कांटे का मुकाबला है।
दरअसल उत्तराखंड का इतिहास रहा है कि यहां मुख्यमंत्री चुनाव में उतरने के बाद अपनी सीट भी खो देते हैं 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी चुनाव हारे थे तो 2017 में मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत भी दो-दो विधानसभाओं से हार गए थे। लिहाजा इस बार पुष्कर सिंह धामी के लिए यह चुनावी रण बेहद मुश्किलों भरा है और अंतिम पल तक परिणामों को लेकर कुछ भी संभव माना जा रहा है। हरीश रावत की सीट पर भी यही कहा जा रहा है कि यहां पर चुनाव परिणाम हरीश रावत के खिलाफ भी आ सकते हैं हालांकि इन स्थितियों को भागते हुए हरीश रावत और पुष्कर सिंह धामी दोनों ही बड़ा चेहरा होने के बावजूद बाकी सीटों पर प्रचार करने के बजाय अपनी विधानसभाओं में ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश कर रहे हैं और लगातार चुनाव प्रचार के लिए अपनी विधानसभा सीट पर डटे हुए हैं।