वन विभाग में रेंजर्स पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है और देखा जाए तो विभिन्न क्षेत्रों में रेंजर एक महत्वपूर्ण पद है, लेकिन कई बार रेंजर्स की लापरवाही या कहीं की मिलीभगत के कारण वनों की सुरक्षा बढ़ने के बजाय वनों को खतरे में डाल दिया जाता है। ऐसे कई रेंजर्स है जिनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिलती रही है और यह रेंजर्स खनन और पेड़ों के अवैध कटान समेत वृक्षारोपण में आउट सोर्स तैनाती में गड़बड़ी को लेकर भी संदेह के घेरे में रहते है, ऐसे कुछ रेंजर्स रहे हैं जिनकी लगातार अलग-अलग मामलों में शिकायत मिलती रही है, लेकिन ना तो इनके खिलाफ कभी ठीक से जांच होती है और जो जांच होती है उस पर भी आम लोगों का विश्वास करना मुश्किल रहता है। फिलहाल ताजा मामला कालागढ़ टाइगर रिजर्व का है, जहां पाखरो रेंज के रेंजर पर अवैध कटान समेत उप प्रभागीय वन अधिकारी पदनाम का गलत उपयोग करने का आरोप लगा है। अच्छी बात यह है कि यहां के रेंजर बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है, अच्छी बात है इसलिए क्योंकि वन विभाग अक्सर ऐसी कम ही हिम्मत जुटा पाता है… बहरहाल इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक ने अधिकारी को सस्पेंड करने के निर्देश के साथ ही जांच के भी निर्देश दे दिए हैं।
इस कार्रवाई के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि बाकी जगहों में रेंजर्स के खिलाफ मिल रही शिकायतों पर भी कार्यवाही हो सकेगी, खास तौर पर देहरादून और हरिद्वार जिले में देहरादून डीएफओ और हरिद्वार डीएफओ के सामने इसको लेकर बड़ी चुनौती होगी।