चिंताजनक -नई गाड़ियां लेते ही परेशान हुए पटवारी, स्टार्ट करने ही छुट रहा पसीना

ये सिस्टम की लापरवाही और मैनेजमेंट की कमी ही है कि चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के पटवारियों को भी सीएसआर फंड के तहत मिली गाड़ियों को लेने के लिए देहरादून आना पड़ रहा है। कमाल की बात यह है कि इन गाड़ियों को लेने आने वाले पटवारियों को पहले तो गाड़ियों को स्टार्ट कर देना खूब पसीना बहाना पड़ रहा है फिर नई गाड़ी को ही मकैनिक खोलकर उसके पेच पुर्जे ठीक करते दिखाई दे रहे हैं। पटवारी कह रहे हैं कि गाड़ी तो नहीं है लेकिन अभी से इसको सर्विस की जरूरत महसूस होने लगी है। वैसे पिछले 1 महीने से सैकड़ों मोटरसाइकिल राजस्व परिषद के कार्यालय में खड़ी थी मुख्यमंत्री ने हरी झंडी भी दिखा दी लेकिन पटवारियों तक यह गाड़ियां नहीं पहुंची। मजबूरन पटवारियों को ही गाड़ियों तक पहुंचना पड़ रहा है, धूल से भरी गाड़ियां स्टार्ट होने का नाम नहीं ले रही, बाहर से मकैनिक बुलाकर नई गाड़ियों के ही पेच पुर्जे खुलवाए जा रहे हैं।

CSR फंड के तहत हीरो मोटर्स की तरफ से 300 से ज्यादा गाड़ियां दी गई थी, जिन्हें सभी जिलों के मुख्यालयों पर पहुंचा कर पटवारियों के लिए सहूलियत करने की जगह पटवारियों को ही देहरादून बुलाकर अपनी मोटरसाइकिल ले जाने के लिए कह दिया गया नतीजा यह हुआ कि पटवारी लंबे समय से राजस्व परिषद के कार्यालय में नहीं आए और यह गाड़ियां धूल फांकती रही इसका नतीजा यह भी हुआ कि कई गाड़ियां दिक्कतें भी करने लगी।

LEAVE A REPLY