जाते-जाते किये ताबड़तोड़ तबादले, अब सभी तबादलों पर लगी रोक

उत्तराखंड वन विभाग में 14 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच जमकर तबादलों के आदेश किए गए… कोरोना के चलते शुन्य सत्र होने के बावजूद भी तबादले के आदेश होने से कई सवाल भी खड़े हुए… लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि तबादला करने वाले अधिकारी ने रिटायरमेंट से ठीक पहले तबादला आदेश देने में इतनी जल्दबाजी क्यों की। दरअसल मामला उत्तराखंड वन विभाग का है जिसमें 31 अक्टूबर को विभाग के मुखिया यानी हेड ऑफ डिपार्टमेंट, प्रमुख वन संरक्षक जयराज सेवानिवृत्त हुए हैं। लेकिन अपने रिटायरमेंट से ठीक कुछ दिन पहले ही एक के बाद एक आदेश कर प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग के कई अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले कर दिए।

इसमें चार क्षेत्राधिकारियों को तो वन विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया। 14 सितम्बर को हुए इस आदेश मे धीरेश चंद बिष्ट, गोपाल सिंह बिष्ट, आन सिंह, और अनूप सिंह का नाम शामिल है।

इसके बाद 14 अक्टूबर को दो अलग-अलग आदेश किए गए, इसमें तीन वन दरोगा अजीत सिंह, नरेंद्र पाल और स्वरूप चंद रमोला का नाम शामिल है। उधर वन आरक्षी नंदकिशोर, शायर हुसैन, केशर सिंह और गजेंद्र सिंह का नाम शामिल है।

इसके बाद एक आदेश 19 अक्टूबर यानी रिटायरमेंट से महज 11 दिन पहले भी किया गया। इसमें वन क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार पैन्यूली के भी स्थानांतरण के आदेश जारी हुए।

विभाग में इस तरह ताबड़तोड़ हुए तबादलों के आदेश की शिकायत प्रमुख सचिव वन के पास पहुंची और इसके बाद वन मंत्री तक यह मामला पहुंचने के बाद तबादलों के इन सभी आदेशों को रोक दिया गया है। साथ ही इन सभी आदेशों से जुड़ी पत्रावली भी मंगाई गई है।

*

 

उत्तराखंड शासन में आईएफएस अधिकारियों की तबादला सूची की जारी

 

LEAVE A REPLY