आज सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन, उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि मंडल द्वारा सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के नेतृत्व में केंट रोड स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की और सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स / परिवारिक पेंशनर्स की लंबित समस्याओं से अवगत कराया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अवगत कराया कि सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स / परिवारिक पेंशनर्स की समस्याओं को उनके द्वारा पूर्व में भी उठाया गया था। इनके द्वारा – अंशदान कटौती को कम करने, सातवें वेतनमान के अवशेष देयकों के भुगतान तथा जीवित प्रमाण – पत्र उसी बैंक में जमा किए जाने की सुविधा जहां से पेंशन ली जा रही है, – संबंधि मुख्यतः तीन मांग रखी गई थीं। जिन्हें आज मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा आश्वस्त किया गया है कि पेंशनर्स की तीनों मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
राज्य के पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनरों के लिए लागू की गयी अटल आयुष्मान योजना में कार्यरत कार्मिकों के समान ही पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों से अशंदान की कटौती की जा रही है, जो न्यान संगत नहीं है। पेंशनरों द्वारा मांग की जा रही थी कि उन्हें मूल वेतन का 50 प्रतिशत तथा पारिवारिक पेंशनरों को लगभग 30 प्रतिशत पेंशन प्राप्त होती है। अतः इसी के अनुसार अंशदान की कटौती की जानी चाहिए।
सातवें वेतन आयोग के क्रम में 01.01.2016 से पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को अवशेष भुगतान नहीं किये जाने पर संगठन की मांग पर गत् विधानसभा सत्र में प्रश्न उठाया गया। फलस्वरुप पेंशन के अवशेष भुगतान करने के लिए आदेश शासन स्तर से किया गया। किन्तु शासनादेश हो जाने के चार माह से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी प्रदेश के अनेक पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को अभी तक पेंशन के अवशेष का भुगतान नहीं हो पाने का प्रकरण भी मुख्यमंत्री के सामने उठाया गया।
प्रदेश के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को प्रति वर्ष अपना जीवित प्रमाण पत्र कोषागारों में स्वयं प्रस्तुत करने में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, विशेष तौर पर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में। अतः पेंशनरों को सुविधा प्रदान करते हुए, केन्द्र सरकार के पेंशनरों की तर्ज पर जो पेंशनर जिस बैंक से पेंशन प्राप्त कर रहा है उसी बैंक में जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का विकल्प दिया जाने की मांग पेंशनर्स की तीसरी मांग है।
*हिलखंड*
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