विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन के पटल पर सरकार ने केग की रिपोर्ट पेश की है, जिसमें वित्त वर्ष 2019 20 के दौरान कई अनियमितताओं का नियंत्रक महालेखा परीक्षक की तरफ से जिक्र किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार उसको अब तक यह पता ही नहीं है कि 100 करोड़ के बजट को जो कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए आया था वह कहां चला गया। बताया गया कि कैग की रिपोर्ट में जिक्र है कि 100 करोड रुपए के बजट को लेकर विभागों की तरफ से यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट दिया ही नहीं गया है। यानी विभागों ने यह बताया ही नहीं कि जो बजट में मिला था उसका उपयोग उन्होंने कहा और कैसे किया। दरअसल 52 योजनाओं के लिए विभिन्न विभागों को 100 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिस पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा होने को लेकर कैग ने आपत्ति दर्ज कराइ है। जाहिर है कि कैग की रिपोर्ट में इस मामले के उठने के बाद विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया। हालांकि विपक्ष इन मुद्दों को लेकर कितना सक्रिय हो पाता है यह देखना दिलचस्प होगा।
*हिलखंड*
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