उत्तराखंड में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद को लेकर जितने बयान दिए हैं शायद ही किसी राजनेता ने दिए हो। हरीश रावत ने चुनाव से पहले कहा था कि वह किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनता हुआ देखना चाहते हैं। इसके बाद चुनाव नजदीक आया तो वह कहने लगे कि मुख्यमंत्री वही बनेगा जिसे जीतकर आने वाले विधायक चुनेंगे.. लेकिन इसके बाद चुनावी प्रचार प्रसार पर पार्टी तैयारी करने लगी और प्रत्याशियों के नाम को लेकर भी चिंतन होने लगा तो हरीश रावत चुनाव में अपने चेहरे पर चुनाव लड़ने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाने लगे। यहां तक कि उन्होंने ट्वीट करते हुए खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा ना बनाए जाने पर नाराजगी भी जाहिर कर दी। उधर अब हरीश रावत का नया बयान आया है उन्होंने कहा कि या तो वह मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर घर में बैठेंगे। जाहिर है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके इतने बयान सबको कंफ्यूज कर रहे हैं।
वैसे आपको बता दें कि आज मीडिया से बात करते हुए जब उनसे दलित मुख्यमंत्री के उनके बयान पर पूछा गया तो उन्होंने फिर एक बार अपनी पुरानी बातों को दोहरा दिया हरीश रावत ने कहा कि वह प्रदेश में एक उदाहरण पेश करना चाहते हैं और इसके लिए प्रदेश में एक दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की वह पक्ष में है हालांकि मौजूदा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार आती है तो किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन में एक बार किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री जरूर बनता हुआ देखेंगे।