पहले घोटाले पर कार्रवाई कर लूटी वाहवाही, अब आरोपी रहे IAS अधिकारी को दे दी क्लीनचिट

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही जिस एनएच 74 घोटाले में कार्रवाई कर खूब वाहवाही लूटी.. उसी घोटाले में आरोपी रहे आईएएस अधिकारी को अब क्लीनचिट दे दी गई है.. यही नहीं आईएएस चंद्रेश यादव को बैक डेट से प्रोन्नति का भी तोहफा दिया गया है। सवाल यह है कि बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कह कर भाजपा सरकार ने जिस जीरो टॉलरेंस के नारे को दिया..वो खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसा था.. त्रिवेंद्र सरकार की कार्रवाई के दौरान एन एच के अधिकारियों को बचाने की भी खबरें एक पत्र के सामने आने के बाद जोरों पर रही और मामले में सीबीआई जांच तक की मांग की गई लेकिन न सीबीआई जांच हुई और अब  घोटाले में आरोपी बड़े चेहरे भी धीरे धीरे क्लीन चिट लेने लगे हैं.. इस खबर में हम क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल नहीं उठा रहे हैं बल्कि यह कहने की कोशिश कर रहे की क्या युवा आईएएस अधिकारियों को महज राजनीतिक नफा-नुकसान के लिए बदनामी और मीडिया ट्रायल को झेलना पड़ा.. क्या इतने बड़े घोटाले में इन दो अधिकारियों के पूरी तरफ पाक-साफ होने के बावजूद सस्पेंड तक किया गया।

NH74 घोटाले में यदि सैकड़ों करोड़ के इस वित्तीय गड़बड़ी पर सब कुछ इतना पाक साफ और पारदर्शी है तो फिर क्यों नही भाजपा सरकार के इस पर सीबीआई जांच करवाई। सवाल तो यह भी उठाए जा रहे हैं कि एक आईएएस अधिकारी के जवाब पर उसकी जांच दूसरे आईएएस अधिकारी को देकर इस जांच के पूरी तरह निष्पक्ष होने की कितनी उम्मीद की जा सकती है

 

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