मंत्री जी का खासम खास हुआ सस्पेंड, फिर विवादों में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का विवादों से चोली और दामन का साथ रहा है.. शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभालने के दौरान ऐसे कई वाकये हुए हैं.. जिसके चलते शिक्षा मंत्री को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी.. अब फिर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे सुर्खियों में है लेकिन इस बार उनके लाइजन ऑफिसर की कारस्तानी के चलते उन्हें भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है।  दरअसल हाल ही में मंत्री जी के उत्तरकाशी दौरे के दौरान लाइजन ऑफिसर सुरेंद्र पाल सिंह नेगी पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अभद्रता करने का आरोप लगाया था.. यही नही सुरेंद्र पाल सिंह पर आरोप था कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को थप्पड़ मारने तक की धमकी दी थी। यही मामला जब आगे बढ़ा तो न केवल शिक्षा मंत्री बल्कि सरकार की भी खूब किरकिरी हुई। मामले में जांच हुई तो पाया गया कि सुरेंद्र पाल सिंह लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता है और वह शिक्षा मंत्री के बतौर लाइजन ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे थे।  लेकिन जांच में पाया गया कि सुरेंद्र पाल सिंह ने इसके लिए ना तो अपने लोक निर्माण विभाग से कोई एनओसी ली थी ना ही जिला उधम सिंह नगर में लाइजर ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने जिले से बाहर जाने की कोई परमिशन ली थी.. ऐसे में शासन ने इस मामले में सुरेंद्र पाल सिंह को सस्पेंड कर दिया है।

दरअसल सुरेंद्र पाल सिंह उधम सिंह नगर में मंत्री के लाइजन ऑफिसर है लेकिन वह उत्तरकाशी के मंत्री के हरेला कार्यक्रम के भ्रमण के दौरान उनके साथ वहां भी पहुंच गए। वैसे आपको बता दें कि सुरेंद्र पाल सिंह अक्सर शिक्षा मंत्री के साथ देहरादून में भी दिखाई देते रहे।

सवाल यह उठता है कि इस तरह के विवाद सामने आने के बाद ही क्यों विभागों को कर्मचारियों की एनओसी को लेकर सुध है.. अब तक क्यों लोक निर्माण विभाग या शिक्षा विभाग की तरफ से सुरेंद्र पाल सिंह की और उसी को लेकर कोई कार्यवाही की गई और जिले से बाहर उनके तमाम दौरों में अब तक कितनी बार इन विभागों ने संज्ञान लिया है।

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