वन मंत्री हरक सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन कराने के आरोप में वहां के डीएफओ दीपक सिंह को वन मुख्यालय में अटैच किया गया था। इस मामले में नई बात यह है कि डीएफओ दीपक सिंह ने प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल को पत्र लिखकर खुद के खिलाफ इस कार्यवाही को गलत ठहरा दिया है। यही नहीं क्षेत्र में विभागीय मंत्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण मार्ग का काम रुकवाने की बात कह कर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से विभागीय मंत्री पर भी हमला बोला है, पत्र की भाषा से साफ लगता है कि हरक सिंह रावत को लेकर डीएफओ की तरफ से कई महत्वपूर्ण बातें लिखी गई है इसमें कहा गया है कि उन्हें ना केवल राजनीतिक रूप से दबाव में लिया गया था बल्कि उन्हें धमकियां तक दी गई और उन से चार्ज हटाने तक की भी बातें कही गई। दीपक सिंह ने कहा कि बिना जांच के ही उन्हें हटाने की कार्यवाही की गई है जो कि गलत है।
इस मामले पर जब हरक सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी गलती करने वाला व्यक्ति खुद को गलत नहीं बताता, उन्होंने कहा कि क्षेत्र में साफ तौर पर अवैध खनन होने की बात को देखा जा सकता है और न केवल जांच में इस क्षेत्र में खनन की बात सामने आई थी बल्कि खुद डीएफओ रहे दीपक सिंह ने भी लिखित रूप से अवैध खनन होने की बात स्वीकार की थी और उसके बाद उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।