शासन-विश्वविद्यालय आये आमने-सामने, शासन ने दिए जांच के आदेश

उत्तराखंड में आयुर्वेद विश्वविद्यालय और शासन के अधिकारी आमने सामने आते हुए दिखाई दे रहे हैं, एक तरफ शासन विश्वविद्यालय को लेकर कई आदेश दे रहा है तो वही विश्वविद्यालय की तरफ से इन आदेशों को दरकिनार किया जा रहा है। जाहिर है कि अब ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में टकराव और भी बढ़ता हुआ दिखाई देगा। इसमें खासतौर पर शासन की तरफ से विश्वविद्यालय पर दबाव बनाए जाने का प्रयास होता हुआ दिखाई दे रहा है। मौजूदा मामला शासन की तरफ से दिए गए एक आदेश का है जिसमें विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों और अनियमितताओं की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। 4 सदस्य कमेटी 2017 से 2022 तक की नियुक्तियों और अधिवक्ताओं की जांच करेगी। 15 दिन के भीतर यह कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को देगी।

वैसे बताया यह जा रहा है कि मृत्युंजय मिश्रा के रजिस्ट्रार पद से हटने के बाद इस विवादित अधिकारी के वेतन अवमुक्त किए जाने को लेकर शासन और विश्वविद्यालय के बीच चेतावनी भरे लहजे में पत्रों को लिखा गया है। और इससे विश्वविद्यालय और शासन के अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ता हुआ दिखाई दिया है। यही नही विश्वविद्यालय में शासन के आदेशों के अनुसार डायरेक्टर आयुष को रजिस्ट्रार के अतिरिक्त प्रभार का चार्ज नहीं लेने देने पर भी विवाद बढ़ा है। जाहिर है कि यह पूरा मामला अब राजभवन तक भी पहुंच गया है और जल्द ही इस विवाद को खत्म करने की जरूरत है।

LEAVE A REPLY