उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को लेकर पिछले दिनों जो पूरा घटनाक्रम हुआ, उस पर हर कोई हैरान है और अचरज में भी.. दरअसल जो हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति की दिशा और हवा को भाप लेते हैं वह आखिरकार ऐसे हालात में कैसे पहुंच गए कि उन्हें किसी दल में जाने के लिए 5 दिनों का इंतजार करना पड़ा… इसका जवाब यू तो उन्होंने अपने पहले बयान में ही दे दिया था लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरह की बातें सामने आ रही है वह बेहद गंभीर है…दरअसल सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत के बेहद करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ की ही खबरों के आधार पर भाजपा ने हरक सिंह रावत को न केवल मंत्री पद से बर्खास्त किया बल्कि उन्हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया। जबकि हरक सिंह रावत अपने पहले ही बयान में साफ कर चुके थे कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं होने जा रहे थे केवल सोशल मीडिया पर चली खबरों के आधार पर ही भाजपा ने उन पर इतनी बड़ी कार्यवाही कर दी। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार यदि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होने की जगह दिल्ली में अपने भाजपा हाईकमान से ही मिलने जा रहे थे तो फिर यह गलत सूचना पार्टी हाईकमान को किस ने दे दी। इसका जवाब भी सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में ही दिया जा रहा है दरअसल यह सब जानते हैं कि हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ एक ही गाड़ी में बैठकर देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे इस दौरान रास्ते में इन दोनों ने करीब 2 जगहों पर रुक कर चाय भी पी… उमेश शर्मा काऊ ने भी मीडिया से बात करते हुए हरक सिंह रावत के दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा कि उन्हें नहीं पता कि हरक सिंह रावत दिल्ली में कहां गए थे और वह कांग्रेस में शामिल होने जा रहे थे या नहीं यह भी उन्हें नहीं पता है, क्योंकि दिल्ली पहुंचकर वे और हरक सिंह रावत अलग अलग हो गए थे। हरक सिंह रावत को लेकर उमेश शर्मा काऊ कहते हैं कि जब वे उनसे अलग हुए थे तब हरक सिंह रावत ने उन्हें अपने घर जाने के लिए कहा था। जाहिर है कि उमेश शर्मा काऊ भी हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं फिर वह कौन सी खबर थी जिसके कारण रातों-रात भाजपा ने हरक सिंह रावत पर इतनी बड़ी कार्यवाही कर दी।
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में कहा जा रहा है कि उमेश शर्मा काऊ जब तक हरक सिंह रावत के साथ रहे वह इसकी जानकारी पार्टी हाईकमान को देते रहे। चर्चा है कि हाईकमान को मिल रही एक एक सूचना के कारण भाजपा ने यह कदम उठाया। लेकिन जब हरक सिंह रावत ने कांग्रेस जॉइन नहीं की तो भाजपा हाईकमान हैरान रह गया हरक सिंह रावत कांग्रेस ज्वाइन करने वाले थे तो फिर उन्हें 5 दिन इसमें क्यों लग गए। इसका मतलब हरक सिंह रावत सच कह रहे थे और वह कांग्रेस में शामिल होने नहीं जा रहे थे। साफ है कि भाजपा ने एक गलत सूचना के आधार पर हरक सिंह रावत को आनन-फानन में हटा दिया।
वैसे तो यह चर्चाएं अब मीडिया और राजनेताओं के बीच आम हो गई है कि हरक सिंह रावत एक गलत सूचना के कारण पार्टी से हटा दिए गए। लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद यह भी कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत के सबसे विश्वसनीय विधायक साथी उमेश शर्मा काऊ की मुखबिरी का हरक को नुकसान झेलना पड़ा है। हरक सिंह रावत से जुड़े लोग इस बात की पुष्टि भी कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर चल रही है जानकारी में कितनी जान है इसका पता हो तो भी चलेगा जब हरक सिंह रावत इस मामले पर कुछ बोलेंगे लेकिन इतना तय है कि जिस तरह उमेश शर्मा काऊ हरक सिंह रावत के साथ दिल्ली गए थे उनके अलावा कोई नहीं जानता था कि हरक सिंह रावत आगे क्या कदम उठाने वाले हैं।