तो कोटद्वार सीट छोड़ना चाहते हैं हरक सिंह, सुरेंद्र सिंह से हार का डर या विकास में रह गयी कोई कमी

उत्तराखंड में हरक सिंह रावत अपनी विधानसभा सीट छोड़ने को लेकर चर्चित रहे हैं, जानकार कहते हैं कि हरक सिंह एक विधानसभा से जीतकर वहां विकास कार्यों में रही कमी के कारण एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए दूसरी सीट को पकड़ लेते हैं। बड़ी बात यह है कि इस बार भी कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत कोटद्वार सीट छोड़ना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि इस सीट पर सुरेंद्र सिंह नेगी की बेहद मजबूत पकड़ होने के कारण और वे दोबारा इस सीट पर नहीं लड़ना चाहते। दरअसल इस बार मोदी लहर का उतना फायदा नहीं मिलने की संभावना है जितना 2017 में मिला था उधर क्षेत्रीय लोगों की नाराजगी भी हरक सिंह रावत को चुनाव में दिक्कतें पैदा कर सकती हैं। हरक सिंह रावत के कुछ करीबी भी बेरुखी के चलते उनका साथ छोड़ चुके हैं। अब हरक सिंह रावत के लिए कोटद्वार सीट उतनी मुफीद नहीं है और उन्हें यहां पर जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। इस सीट पर सुरेंद्र सिंह नेगी हरक सिंह रावत के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं लिहाजा अब माना जा रहा है कि वह आसपास की किसी सीट पर नजरें गड़ाए हुए हैं खासतौर पर लैंसडाउन या पौड़ी की दूसरी किसी भी विधानसभा समेत रुद्रप्रयाग और डोईवाला सीट पर भी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। जाहिर है कि भाजपा उनके विधानसभा चुनाव के टिकट को नहीं बदलने वाली लिहाजा अब हरक सिंह रावत सीट बदलने का आखिरी प्रयास कर भाजपा पर बढ़ा दबाव बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

 

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