मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज डॉक्टर्स को बुलाकर उनसे उनकी मांगों को लेकर वार्ता की और उन्हें भरोसा भी दिलाया कि उनकी तमाम मांगों को पूरा किया जाएगा.. इसी आश्वासन के साथ डॉक्टर ने भी अपने आंदोलन को वापस ले लिया, लेकिन सरकार की चिंता इस बात से कम नहीं हुई है, क्योंकि सरकार ने चिकित्सकों को तो याद कर लिया, लेकिन नर्सों को भुला बैठी.. दरअसल नर्सेज एसोसिएशन अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विभाग के सामने दरख्वास्त कर रही है.. लेकिन अब तक ना तो मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें कोई बुलावा आया है और ना ही विभाग की तरफ से उनकी मांगों पर कोई विचार हुआ है। अपनी मांगों को लेकर सरकार और विभाग की तरफ से नजरअंदाज की नर्सों को शायद अब पसंद नहीं आ रही है इसीलिए नर्स एसोसिएशन ने 11 सितंबर से काली पट्टी बांधकर काम करने का निर्णय लिया है यानी आंदोलन को अब और तेज करने की तैयारी की जा रही है। उधर एसोसिएशन ने 21 सितंबर को सामूहिक अवकाश पर जाने की भी चेतावनी सरकार को दे दी है।
उत्तराखंड में 7 कोरोना के मरीज आज मरे, कोरोना के 807 नए मरीज आये