उत्तराखंड में हेड ऑफ़ डिपार्मेंट के तौर पर प्रभारी अधिकारियों को जिम्मेदारी देने का प्रचलन बढ़ रहा है.. भले ही यह व्यवस्था कुछ समय के लिए ही क्यों ना हो, लेकिन विभागों में प्रभारी मुखिया तो बैठ ही रहे हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड पुलिस विभाग में प्रभारी पुलिस महानिदेशक के तौर पर अभिनव कुमार को जिम्मेदारी दी गई तो वही अब उत्तराखंड वन विभाग में भी हॉफ पद पर प्रभारी अधिकारी बैठाया गया है।
हालांकि पिछले दिनों शासन ने सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक में नए वन विभाग के मुखिया को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया था लेकिन फिलहाल भारत निर्वाचन आयोग से इसके लिए अनुमति नहीं मिल पाई है। लिहाजा उत्तराखंड शासन ने प्रमुख वन संरक्षक हॉफ पद के लिए सबसे वरिष्ठ अधिकारी धनंजय मोहन को वन विभाग के मुखिया पद हॉफ अतिरिक्त प्रभार दे दिया है। फिलहाल धनंजय मोहन उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे हैं। और अब उन्हें हॉफ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
इस तरह पुलिस विभाग के बाद अब वन विभाग में भी प्रभारी HOD के निर्देशन में विभाग काम करेगा। हालांकि जल्द ही भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद स्थाई नियुक्ति के लिए आदेश हो सकता है। इसी तरह पुलिस विभाग में भी जल्द केंद्र से तीन नाम के पैनल राज्य को भेजे जाने की उम्मीद है जिसके बाद अभिनव कुमार फूल फ्लैश DGP बनाए जा सकते हैं..
उत्तराखंड में फिलहाल मुख्य सचिव पद को लेकर भी सस्पेंस बरकरार है। जल्द ही मुख्य सचिव की जिम्मेदारी देख रही राधा रतूड़ी रिटायर होने जा रही हैं। लिहाजा राज्य में इसको लेकर कई तरह के समीकरणों पर भी चर्चा जारी है। जिस तरह प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर प्रभार दिए जा रहे हैं उससे राज्य को पहला प्रभारी मुख्य सचिव मिलने को लेकर चर्चा तेज हुई है। ऐसेमें सभी की निगाहें धामी सरकार पर हैं, कि आखिरकार सरकार मुख्य सचिव पद को लेकर क्या चाहती हैं?