उत्तराखंड कांग्रेस में अपना एक अलग रुतबा रखने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक प्रीतम सिंह यूं तो सीधे रूप में कभी पार्टी के भीतर हमलावर रुख में नहीं दिखाई देते, लेकिन पिछले कुछ समय में प्रीतम सिंह के तेवर काफी तल्ख हुए हैं। स्थिति यह है कि प्रीतम सिंह ने वेणुगोपाल और देवेंद्र यादव तक का सीधे तौर पर नाम लेकर कुछ ऐसे सवाल खड़े किए हैं जो इन नेताओं को बुरे लग सकते हैं। इतना ही नहीं हरीश रावत को लेकर भी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से काफी कुछ कहने की कोशिश की है। आज एक बार फिर प्रीतम सिंह अपने उसी आक्रामक रूप में दिखाई दिए। प्रीतम सिंह ने केसी वेणुगोपाल और देवेंद्र यादव का नाम लेते हुए कहा कि उनके द्वारा जो गुटबाजी की बात कही गई है और इस गुटबाजी में उनके नाम को इंगित किया गया है उस पर हाईकमान को जवाब देना चाहिए। प्रीतम सिंह ने कहा कि इन नेताओं ने पार्टी हाईकमान को गुटबाजी के कारण विधानसभा चुनाव हारने की बात कही है और प्रीतम सिंह को भी इस गुटबाजी का हिस्सा बताया है ऐसे में इन्हें बताना चाहिए कि उनके द्वारा कम गुटबाजी की गई और किस प्रत्याशी को हराने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि अदालत में भी सभी पक्षों को सुना जाता है यदि मुझ पर कोई आरोप लगे हैं तो मुझे भी सुना जाना चाहिए था।
प्रीतम सिंह ने हरीश रावत का नाम लिए बिना उन पर भी जोरदार हमला किया उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति एक तरफा गुटबाजी कर रहा है ट्विटर के माध्यम से कोई बात कह रहा है तो कार्यवाही मुझ पर होनी चाहिए या उस शख्स पर होनी चाहिए।
प्रीतम सिंह की जुबान यहीं तक नहीं रुकी उन्होंने बेहद सधे हुए अंदाज में संकेत देते हुए कहा कि किसी शिखंडी को आगे करके प्रीतम सिंह की हत्या नहीं की जा सकती। अब उनका इशारा किसकी तरफ था यह आसानी से समझा जा सकता है लेकिन फिलहाल प्रीतम सिंह किसी का नाम लिए बिना इस लड़ाई को हाईकमान के माध्यम से ही सुलझाना चाहते हैं।