चमोली के हेलंग में महिलाओं से चारापत्ती विवाद की जांच दो महीने में भी अधूरी, सरकार की छवि पर बट्टा लगाते अधिकारी

उत्तराखंड के चमोली जिले में चारापत्ती ले जाती महिलाओं के साथ पुलिसकर्मियों और सीआईएसएफ के जवानों की छीना झपटी का वीडियो अब भी सबके जहन में हैं. मामले को लेकर देश भर से पुलिस कर्मियों के महिलाओं से चारा पत्ती छीनने की निंदा की गई, यहां तक कि प्रियंका गांधी ने भी इसे महिलाओं का अपमान बता दिया, न केवल चमोली बल्कि उत्तराखंड के कई जिलों में महिलाओं ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया. इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच गढ़वाल कमिश्नर को देने के आदेश किए. लेकिन हालत यह है कि 2 महीने बाद भी इस मामले की जांच रिपोर्ट अब तक मुख्यमंत्री को नहीं सौंपी गई है. रिपोर्ट सौंपना तो दूर अब तक गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार यह जांच पूरी ही नहीं कर पाए हैं. इतने समय बाद भी अभी वन विभाग के नियमों के कागजी फरमानों को देखा जा रहा है।

धामी सरकार ने तो इस मामले पर जांच करवा कर अपनी गंभीरता दिखाई, लेकिन अधिकारियों ने इस गंभीर मुद्दे को भी अपनी उन्हीं फाइलों की तरह सुस्त गति से आगे बढ़ाया जो सालों साल तक धूल फांकती रहती है। 2 महीने तक इस मामले पर अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. जिसके चलते इस मामले में न्याय का इंतजार कर रहे लोगों का इंतजार और भी ज्यादा बढ़ गया है.

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