मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फोन कॉल पर वन विभाग में उस समय अफरा मच गई, जब सीएम धामी ने खुद वाइल्डलाइफ हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते हुए एक बाघिन के जंगल में घायल होने की जानकारी दी। हेल्पलाइन नंबर पर दी गई जानकारी के बाद वन विभाग में अधिकारी और कर्मचारी आनन फानन में सूचना के आधार पर घायल बाघिन का पता लगाने लगे। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी ऐसी किसी बाघिन का पता नहीं चल पाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से हेल्पलाइन पर तराई ईस्ट वन विभाग क्षेत्र में बाघिन के घायल होने की जानकारी दी गई थी इसके बाद डीएफओ संदीप कुमार ने चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को ऐसी किसी भी बाघिन के घायल होने की धरातल पर स्थिति नहीं होना बताया गया।
इसके बाद के वाइल्डलाइफ वार्डन की तरफ से डीएफओ को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई और मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ हेल्पलाइन नंबर पर स्थित देखने और वन विभाग की सक्रियता को जानने के लिए फोन किए जाने की बात कही।
बहरहाल इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री के एक फोन कॉल के कारण वन विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई। लेकिन इस दौरान वन विभाग की कार्य प्रणाली संतोषजनक पाई गई।