उत्तराखंड में नई सरकार के गठन के साथ ही अधिकारियों पर शिकंजा कसना तेज हो गया है। खासतौर पर वन विभाग में तो पहला टारगेट वही अधिकारी है जो पिछले समय में विभिन्न मामलों को लेकर आरोपी रहे हैं और जिनके खिलाफ जांच भी हुई है। खास बात यह है कि ऐसे तो आई एफ एस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी कर ली गई है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सांसद स्तर पर ऐसे दो अधिकारियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की संस्तुति के साथ फाइल तैयार कर ली गई है। यही रही इस फाइल को अब मुख्यमंत्री कार्यालय में अनुमोदन के लिए भेजा गया है। यानी मुख्यमंत्री की स्वीकृति के साथ ही यह दोनों अधिकारी विभाग से बाहर हो सकते हैं।
आपको बता दें कि विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग की जिम्मेदारी लेने के बाद सबसे पहले ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने की बात कही थी यही नहीं उन्होंने चार्ज लेने के फौरन बाद अपर मुख्य सचिव वन आनंद वर्धन को बुलाकर ऐसे अधिकारियों की फाइल मंगवाई थी जिन पर पूर्व में जांच की गई है और वह विभिन्न गंभीर मामलों को लेकर आरोपी रहे हैं।
साफ है कि अब ऐसे कई अधिकारी विभागीय मंत्री के रडार पर हैं लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि बेहद कम समय में ही ऐसे दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तेजी के साथ फाइल को आगे बढ़ा दिया गया है।
वैसे आपको बता दें कि एक-दो अधिकारियों में एक अधिकारी हाल ही में और बेटी में हुए गलत कार्यों को लेकर चर्चाओं में रहा था तो दूसरा अधिकारी कुमाऊं में महत्वपूर्ण पोस्टिंग पर तैनात हैं।