गढ़वाल राइफल में तैनात हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी को भारतीय सेना ने शहीद घोषित कर दिया है.. लेकिन बावजूद इसके शहीद का परिवार राजेंद्र सिंह नेगी को शहीद मानने को तैयार नहीं…. दरअसल शहीद राजेंद्र सिंह नेगी कश्मीर के गुलमर्ग में ड्यूटी के दौरान पहाड़ी से पांव फिसलने के बाद लापता हो गए थे… भारी बर्फबारी के चलते सेना को उन्हें ढूंढने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा… लेकिन आखिरकार भारतीय सेना ने अब काफी कोशिश के बाद हाथ खड़े कर दिए हैं.. सेना ने 21 मई 2020 को लापता राजेंद्र नेगी को बैटल कैजुअल्टी मान लिया है। हालांकि भारतीय सेना के जवान को शहीद घोषित करने के बावजूद भी शहीद की पत्नी कोई यकीन नहीं आ रहा कि उसका पति अब कभी वापस नहीं आएगा… शहीद की पत्नी का कहना है कि जब तक उनके पति राजेंद्र नेगी का पार्थिव शरीर वह नहीं देखती वह यह नही मानेंगी की वह देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं।। उनकी पत्नी ही नहीं बल्कि शहीद के बच्चे और पिता को भी राजेंद्र नेगी का इंतजार है।। परिवार में इस बात को लेकर असंतोष भी है कि उनकी तरफ से तमाम जगहों पर राजेंद्र नेगी की खोजबीन के लिए कहा गया लेकिन ना तो सरकार और ना ही नेताओं ने उनकी कोई मदद की।।