उत्तराखंड में शिक्षा विभाग इन दिनों विभागीय कर्मियों की मांगों को लेकर विभिन्न स्तरों पर चिंतन कर रहा है। इस दिशा में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान भी विभिन्न विषयों पर बातचीत की गई। बैठक के दौरान सीधी भर्ती और बैकलॉग के तहत नियुक्ति किए जाने पर तेजी दिखाने के निर्देश दिए गए।
बड़ा निर्णय लेते हुए एनआईओएस डीएलएड करने वालों को सीधी भर्ती में जगह न देने का निर्णय लिया गया यानी कि अब एनआईओएस डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी प्रदेश में शिक्षा विभाग की भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे इसमें विभागीय स्तर पर D.El.Ed करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्राथमिकता देने का फैसला किया गया
उत्तराखंड के अतिथि शिक्षकों के लिए भी बैठक में विचार किया गया और उनके मानदेय को 25000 तक करने का प्रस्ताव एक बार फिर शासन स्तर पर भी जाने और वित्त विभाग की मंजूरी लिए जाने की बात कही गई हालांकि इससे पहले भी यह प्रस्ताव बनाया जा चुका है लेकिन इस पर कोई फैसला न होने के कारण शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को एक बार फिर इसका नया प्रस्ताव बनाकर अतिथि शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी करवाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए हैं
पीटीए शिक्षकों में प्रदेश के ऐसे पीटीए शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए कहा गया है जो रिक्त पदों के सापेक्ष काम कर रहे हैं साथी जो पूर्ण योग्यता रखते हैं आपको बता दें कि राज्य के 82 पीटीए शिक्षकों को ₹10000 का वेतन दिया जा रहा है जबकि अभी कई ऐसे पीटीए शिक्षक है जिन्हें बेहद कम मानदेय मिल रहा है ऐसे में बाकी बचे हुए पीटीए शिक्षकों के भी वेतन बढ़ाए जाने पर फैसला लिया गया है और वित्त विभाग से इसकी सहमति दी जाने के निर्देश दिए हैं
उत्तराखंड में शिक्षामित्रों की लंबे समय से लेट की मांगों को पूरा करने पर भी शिक्षा मंत्री सकारात्मक दिखाई दिए हिमाचल में शिक्षामित्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए सकारात्मक निर्णय को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने अब उत्तराखंड में शिक्षामित्रों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की समीक्षा अधिकारियों को करने के लिए कहा है ताकि उत्तराखंड के शिक्षामित्रों की मांग को भी पूरा किया जा सके