प्रचार में पिछड़ती दिख रही आप, भाजपा-कन्ग्रेस के बीच ही दिख रहा मुकाबला

उत्तराखंड में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही आम आदमी पार्टी ने जिस तेजी से अपना ग्राफ बढ़ाया था, उसी तेजी से आम आदमी पार्टी का ग्राफ बेहद नीचे भी आ गया है। स्थिति यह है कि सत्ता में आने की बात कहने वाली आम आदमी पार्टी अब तीसरे स्थान पर आकर सिमट गई है, यही नहीं पहाड़ों में अधिकतर सीटों पर आम आदमी पार्टी का खराब चुनावी परफॉर्मेंस उसकी मौजूदगी को भी दरकिनार कर रहा है।

अरविंद केजरीवाल के दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान होते ही प्रदेश में आम आदमी पार्टी को लेकर एक राजनीतिक सुगबुगाहट शुरू हुई थी और माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में कुछ बेहतर कर सकती है लेकिन अब तक के परफॉर्मेंस के आधार पर यह साफ है कि आम आदमी पार्टी कहीं भी टक्कर में नहीं दिखाई दे रही है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच ही एक बार फिर होगी सीधी जंग

प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही सीधे तौर पर चुनावी जंग होती हुई दिखाई दे रही है प्रदेश की करीब सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी सीधे टक्कर में दिख रहे हैं हालांकि कुछ सीट पर निर्दलीय भी मुकाबला कर सकते हैं, मौजूदा स्थिति में आम आदमी पार्टी का वह सपना अधूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है जिसमें वह भाजपा से सीधे मुकाबले में आने की कोशिश कर रही थी लेकिन खराब रणनीति और परफॉर्मेंस के कारण अब तक अधिकतर सीटों पर पार्टी नेपथ्य में दिखाई दे रही है। जाहिर है कि पार्टी की रणनीति इस बार फेल साबित हुई है और पिछले कुछ समय में पार्टी कोई खास काम भी नहीं कर पाई है हालांकि अभी चुनाव के लिए करीब 2 महीने का वक्त बाकी है और इस 2 महीने में पार्टी क्या रणनीति आगे बढ़ाती है और कैसे इस हारी हुई जंग को फिर से जीतने की कोशिश करती है यह देखना दिलचस्प होगा।

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