उत्तराखंड वन विभाग में 2 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं… यूं तो यह तबादले प्रशासनिक आधार पर बताए गए हैं लेकिन हकीकत यह है कि गोविंद वन्य जीव पशु विहार में तैनात कोमल सिंह अपनी कार्यप्रणाली को लेकर विवादों में थे, और उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए गए थे, इसमें अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे भी शामिल थे। खास बात यह है कि कोमल सिंह की शिकायत विभागीय मंत्री तक भी पहुंची थी यही नहीं मुख्यमंत्री तक भी इस अधिकारी की शिकायत पहुंचाई गई थी। कोमल सिंह को विवादित अधिकारी हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कोमल सिंह पर कई आरोप लगते रहे हैं और जहां भी उनकी पोस्टिंग रही है वहां पर विभागीय कर्मचारियों की तरफ से भी उनकी गंभीर शिकायतें की गई है। खास बात यह है कि कोमल सिंह को लेकर उठने वाले इन विवादों में जांच भी की जाती है लेकिन कोई भी जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाती। गोविंद वन्य जीव पशु विहार में भी एक मामले में जिलाधिकारी के स्तर से जांच के आदेश दिए गए थे जिस पर अब तक कुछ नहीं हो पाया है। मामला मौजूदा समय का ही नहीं है बल्कि 10 साल पुराने मामलों में भी कोमल सिंह के खिलाफ जाकर मिठाई गई लेकिन इन जांचों की फाइलें कहां गई आज तक कोई पता नहीं चला। बहरहाल और कोमल सिंह के गोविंद वन्यजीव पशु विहार से स्थानांतरित होने के बाद कई कर्मचारी अधिकारी राहत की सांस ले रहे हैं।
कोमल सिंह को उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड देहरादून में नियुक्ति दी गई है। उधर सहायक वन संरक्षक देवी प्रसाद बलूनी को अब सहायक वन संरक्षक नरेंद्र नगर वनप्रभाग से प्रभारी उप निदेशक गोविंद वन्यजीव पशु विहार की तैनाती दी गई है।
*हिलखंड*
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