कोरोनाकाल के दौरान उत्तराखंड में डॉक्टर्स ने फिर अपनी आंदोलन वाली धुन पकड़ ली है। चिकित्सकों ने 1 सितंबर यानी कल से विरोध स्वरूप हाथों में काली पट्टी बांधकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं चिकित्सक एक हफ्ते में अपनी मांगे पूरी ना होने पर बीआरएस भी लेने को तैयार है.. जबकि उसके बाद भी सरकार की तरफ से मांगे न माने जाने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी भी सरकार को दी गई है। कोरोनाकाल में चिकित्सकों का यह रवैया ना तो सरकार के समझ आ रहा है और ना ही आम लोगों के… राज्य में संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं और अब चिकित्सकों की तरफ से दी गई चेतावनी सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर रही है। चिकित्सकों की मांग है कि सरकार की तरफ से उनका एक दिन का वेतन काटे जाने का निर्णय गलत है और इसको सरकार को वापस लेना चाहिए। यही नहीं चिकित्सक मुख्यमंत्री की इस घोषणा के पूरा ना होने से भी नाराज है जिसमें उन्होंने पीजी करने वाले डॉक्टर को पूरी तनख्वाह देने का ऐलान किया था। इसके अलावा जिलाधिकारी से छोटे कर्मचारियों व अधिकारियों का अस्पताल में हस्तक्षेप भी चिकित्सकों को मंजूर नहीं है।
पुलिस विभाग में अब प्रमोशन देने की तैयारी, चार साल से प्रमोशन सूची का इंतजार कर रहे सब-इंस्पेक्टर