सदन में माफी मांगवाने तक पहुंची मंत्री-विधायक की लड़ाई, किसानों को भुगतान से जुड़ा मामला बना अहम की लड़ाई

विधानसभा सत्र के दौरान सदन में किसानों के भुगतान के एक मामले पर विधायक काजी निजामुद्दीन ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया और सदन में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक की तरफ से भुगतान किए जाने के जवाब पर सवाल खड़े किए काजी निजामुद्दीन और संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक के बीच जमकर तनातनी दिखाई दी और साथ ही काजी निजामुद्दीन यह कहकर मामले को और भी गर्म कर दिया कि यदि उनकी जानकारी गलत होगी तो वह सदन के सामने सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हैं, लेकिन यदि किसानों का भुगतान नहीं हुआ होगा तो संसदीय कार्य मंत्री को भी माफी मांगनी होगी। हालांकि इसके बावजूद भी संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने फिर एक बार वही जवाब देते हुए किसानों के भुगतान की बात कही। मामले में काजी निजामुद्दीन हंसते हुए नजर आए तो उन्होंने फौरन इसमें एक बार फिर बोलते हुए कहा कि जो जानकारी अधिकारियों ने भेजी है उस पर विश्वास ना करते हुए बैलेंस शीट मंगाई जाए ताकि यह पता चल सके कि क्या वाकई किसानों का भुगतान हुआ है। माफी मांगने और मंगवाने तक पहुंची यह दोनों ही नेताओं की अहम की लड़ाई विधानसभा अध्यक्ष ने शांत करवाई।

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