देहरादून गांधी पार्क में राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने आज विभिन्न मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेन्द्र प्रताप ने संबोधित करते हुए त्रिवेंद्र सरकार को चंद दिनो की मेहमान सरकार बताया। उन्होने कहा “सरकार आन्दोलनकारियो की उपेक्षा बंद करे नही तो राज्य आन्दोलनकारी 9 नंवबर से “मुख्यमन्त्री गद्दी छोडो अभियान ” छेडेगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को धृतराष्ट्र बताया और आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, आरक्षण, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने, पलायन, लोकायुक्त की नियुक्ति ,स्थाई राजधानी गैरसैण जैसे सवालों पर कुंभकरण की नींद सोने का आरोप लगाया।
इस सत्याग्रह को जिसे धीरेंद्र प्रताप के अलावा आन्दोलनकारी सम्मान परिषद की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी रविंद्र जुगरान, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरिकिशन भट्ट, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती सरक्षक ओमी उनियाल, सावित्री नेगी चिन्हित आंदोलनकारी समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सावित्री नेगी सरक्षक देवी प्रसाद व्यास प्रवक्ता महेश जोशी पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र शाह मनीष नागपाल सरिता नेगी संदीप चमोली वीरा भंडारी उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल, वीरेंद्र सिंह बिष्ट अरुणा थपलियाल भूपेंद्र रावत भीमसेन रावत नरेंद्र डंगवाल ईश्वर रावत जबर सिंह पावेल शिव प्रसाद सेमवाल समेत अनेक नेताओं ने संबोधित किया। राज्य सरकार को चेतावनी दी यदि 9 नवंबर तक उसने राज्य आंदोलनकारियों की 8 सूत्री मांगों को लेकर कारवाई ना की तो राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर उतर कर इस सरकार का कड़ा विरोध करेंगे ।इस मौके पर राज्य के तमाम तेरह जिलों से आंदोलनकारी गांधी पार्क पहुंचे। जिसमें हरिद्वार से विजय भंडारी द्वाराहाट से वीरेंद्र बजेठा का खटीमा से भूपेंद्र भंडारी प्रदीप रावत नैनीताल के रईस आलम जिला चमोली से सुमित्रा भंडारी किच्छा से जानकी गोस्वामी उत्तरकाशी से शोभाराम नौडियाल, वीरेंद्र सिंह मसूरी से प्रदीप भंडारी पौड़ी से भूमा रावत और अरुणा थपलियाल लक्सर से अफजल खान और धर्मपाल भारती, देहरादून से अंबुज नौटियाल, विपुल नौटियाल शोभाराम नवनीत कुकरेती समेत सैकड़ों लोगों ने सत्याग्रह में भाग लिया इस सत्याग्रह में पारित अक्सर समझ प्रस्ताव में पौड़ी में पिछले 2 सप्ताह से आंदोलनरत सत्याग्रह के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया गया और कहा गया कि उन्हें जल्दी से जल्दी चिन्हिकृत किया जाना चाहिए ।इस मौके पर एक आठ सूत्री ज्ञापन भी सरकार को एक विचार पत्र के रूप में भेजा गया धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि आंदोलनकारियों की एक 3 सदस्य समिति जिसमें रवीन्द्र जुगरान, सुशीला बलूनी और धीरेंद्र प्रताप शामिल है जल्द ही आंदोलनकारियों का एक डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे और इसका ऐलान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा।