उत्तराखंड वन विभाग में नए मुखिया की तैनाती हो गई है लेकिन पर्दे के पीछे की खबर यह है कि इस बार भी तेजतर्रार मंत्री हरक सिंह रावत की अपने विभाग से जुड़े प्रमुख वन संरक्षक पद को लेकर नहीं चली… खबर है कि वन मंत्री हरक सिंह रावत वन विभाग में आई एफ एस अधिकारियों की दूसरी लॉबी से जुड़े अधिकारी को प्रमुख वन संरक्षक देखना चाहते थे। जानकारी के अनुसार पूर्व प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला के रिटायरमेंट के बाद वन विभाग के बॉस का पद किसे दिया जाए इस पर जमकर लॉबिंग की गई। वाइल्ड लाइफ से जुड़े एक सीनियर अधिकारी को वन विभाग की कमान देने की पूरी कोशिश की गई थी लेकिन आखिरकार सीनियरिटी को ही तवज्जो दी गई और मुख्यमंत्री आवास से राजीव भरतरी के नाम पर मुहर लगने के बाद फाइनली नए साल पर उन्हें प्रदेश में वन विभाग का मुखिया बनाने से जुड़ा आदेश जारी कर दिया गया। आपको बता दें कि वन विभाग में बाघिन के लापता होने के बाद से ही पूरा महकमा सवालों के घेरे में हैं खासतौर पर राजा जी नेशनल पार्क प्रशासन और वाइल्डलाइफ के वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वन विभाग में इस बड़े मामले के बीच नए मुखिया को लेकर भी खूब रस्साकशी चली और इस बार भी वन मंत्री हरक सिंह रावत के हाथ मायूसी ही लगी।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिसम्बर महीना आते ही नए मुखिया को लेकर काफी ज्यादा सरगर्मियों विभाग में शुरू हो गयी थी, और पसंदीदा अधिकारी को मुख्य पद दिलाने पर भी जोर आजमाइश की गई। लेकिन ये भी सब जानते हैं कि हरक सिंह हार मानने वाले नेताओं में नही है लिहाजा आगे सरकार और हरक सिंह के बीच किस तरह की रस्साकशी होती है ये देखना दिलचस्प होगा।