उत्तराखंड में इस विभाग के अधिकारी पर हुई कार्रवाई, सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में हुए निलंबित

 

अरविन्द भट्ट, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, कोटद्वार, जनपद पौड़ी गढ़वाल, जिनके विरूद्ध निम्नलिखित आरोपों के सम्बन्ध में अनुशासनिक कार्यवाही आसन्न (Contemplated) है और उक्त आरोपों हेतु उन्हें उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के नियम – 3 (ख) में उल्लिखित दीर्घ शास्ति अधिरोपित की जा सकती हैं, को एतदद्वारा वर्णित नियमावली के नियम-4 के अनुसार तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है

 

जैविक कृषि निवेशों को कृषकों को वितरण करने के सम्बन्ध में लापरवाही बरती गयी है । (2) विकासखण्ड द्वारीखाल हेतु क्रय किये गये जैविक कृषि निवेश कृषकों तक उपलब्ध

 

न होकर सड़क के किनारे पाये गये।

 

(3) कृषि निवेशों का लाभ कृषकों को न मिलने से योजना के उद्देश्य दुष्प्रभावित हुए

 

तथा निवेश क्रय में व्यय हुई शासकीय धनराशि का भी दुरूपयोग हुआ है।

 

(4) अपने पर्यवेक्षीय उत्तरदायित्व का सम्यक रूप से निर्वहन नहीं किये जाने से शासकीय धनराशि का दुरुपयोग हुआ है एवं विभाग की छवि धूमिल हुई है। निलम्बन की अवधि में श्री अरविन्द भट्ट को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 2- से 4 के मूल नियम – 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा किन्तु जीवन निर्वाह के साथ कोई भत्ता देय नहीं होगा, यदि निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था, निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

 

3- उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि श्री अरविन्द भट्ट इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निलम्बन काल में श्री अरविन्द भट्ट को अपर कृषि निदेशक, गढ़वाल मण्डल, पौड़ी के कार्यालय में सम्बद्ध किया जाता है