उत्तराखंड के लोगों को उधमसिंह नगर के उस जिलाधिकारी की वो बात तो याद ही होगी.. जिसमें जिलाधिकारी साहब ने विधायक को उनकी याददास्त दुरुस्त नही होने की नसीहत दी थी… जी हां हम बात आईएएस अधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल की कर रहे हैं.. दरअसल पिछले दिनों नीरज खैरवाल ने एक बैठक के दौरान भाजपा विधायक राजेश शुक्ला को उनकी याददाश्त कमजोर होने की बात कह दी थी और यही वह मौका था जिसके बाद उत्तराखंड में विधायिका वर्सेस नौकरशाह दिखाई देने लगा… इस घटना के बाद तमाम नेताओं ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल लिया यहां तक की कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी दो दिन बाद ही सचिवालय में महाकुंभ पर हुई बैठक के दौरान अधिकारियों पर बिफर पड़े थे।
अब खबर यह है कि उधम सिंह नगर के उसी जिलाधिकारी डॉक्टर नीरज खैरवाल का तबादला कर दिया गया है। नीरज खैरवाल से उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी की कमान वापस लेते हुए उन्हें अपर सचिव मुख्यमंत्री, ऊर्जा और प्रबंध निदेशक यूपीसीएल की भारी भरकम जिम्मेदारी दी गई है। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या विधायक की याददाश्त कमजोर हो रहे की याद दिलाने वाले आईएएस अधिकारी को उनकी इस हिम्मत के लिए उन्हें इनाम दिया गया है या यह सामान्य तबादला है। यूं तो फील्ड के रूप में जिलाधिकारी के पद को सबसे अहम माना जाता है लेकिन यदि हम प्रदेश स्तर पर देखें तो मुख्यमंत्री का अपर सचिव होना और ऊर्जा विभाग के एमडी समेत अपर सचिव की जिम्मेदारी संभालना भी कोई कम बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
वैसे पूरी खबर यह है कि राज्य में कुल 8 आईएएस अधिकारी और 5 पीसीएस अधिकारियों के तबादले की सूची जारी की गई है…जिसमें दूसरे जिलों के कुछ जिलाधिकारी भी है और साथ ही शासन के कुछ अहम पदों पर भी जिम्मेदारी बदली गई है।