बुरे फंसे आईएफएस अधिकारी किशन चंद, सरकार ने लिया ये कड़ा निर्णय

आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर मौजूदा सरकार में घेरेबंदी तेज कर दी गई है, एक तरफ जहां पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय आईएफएस अधिकारी किशन चंद के अनिवार्य सेवानिवृत्ति की फाइल भेजी जा चुकी है तो वहीं अब इस अधिकारी के खिलाफ पुराने मामले में कानूनी कार्रवाई की संस्तुति देने की भी तैयारी हो रही है। आपको बता दें कि आई एफ एस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच पहले से ही गतिमान है। एक तरफ जहां विजिलेंस की तरफ से किशनचद पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के बाद चार्जशीट तैयार कर ली गई है। तो वही इसी मामले में अब आगे की कार्यवाही करने के लिए जरूरी संस्तुति भी जल्द ही दी जाने वाली है।

आपको बता दें कि आई एफ एस अधिकारी किशन चंद पर अपनी संपत्ति से कई गुना संपत्ति अर्जित करने का आरोप था जिसके बाद मामले में जांच के आदेश हुए थे। किशनचद को लेकर जांच के दौरान ऐसे कई तथ्य पाए गए हैं जो उनकी परेशानियां बढ़ा रहे हैं। पद के दुरुपयोग से लेकर गलत तरीके से धन के आवागमन तक के भी तथ्य जांच में मिले हैं। वैसे आपको बता दें कि किशन चंद पहले ही जनवरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दायरे में लाने के लिए फाइल की मूवमेंट कर दी गई है। वन विभाग के स्तर पर वैसे कुछ दूसरे अधिकारी भी हैं जो विभिन्न कार्रवाइयों के दायरे में आ रहे हैं लेकिन यदि आय से अधिक संपत्ति के मामले को देखें तो इसमें पूर्व में ही जांच होने के चलते किशन चंद सरकार के निशाने में दिखाई दे रहे हैं। वैसे वन विभाग में कई दूसरे आईएफएस अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं और यदि बाकी अधिकारियों की भी जांच फाइलें खुलती है तो कुछ दूसरे बड़े नाम भी सरकार के निशाने पर आ सकते हैं। इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करेगी और कड़ा संदेश देगी।

 

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