मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत को भले ही प्रदेश में काम करने का बेहद कम वक्त मिला हो, लेकिन उन्होंने ऐसे कई उदाहरण पेश किए हैं जो राजनीति के बड़े दिग्गजों को भी काफी कुछ सिखाते हैं… प्रदेश में विरोधियों या कहें कि विपक्षियों को भी साथ लेकर चलने का एक ऐसा ही प्रयास मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की तरफ से दिखाई दे रहा है। यूं तो नारायण दत्त तिवारी सरकार को छोड़ दिया जाए तो हर सरकार में विपक्षी दल सरकार पर विरोधी दलों के विधायकों के क्षेत्रों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते रहे लेकिन तीरथ सरकार में इस परंपरा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से कांग्रेसी विधायकों का मिलना और मुख्यमंत्री का विरोधी दलों के विधायकों की विधानसभा से जुड़ी समस्याओं को सुनना इसी का एक बड़ा सबूत है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से प्रदेश के सीमांत दूरस्थ विधानसभा के विधायक हरीश धामी ने मुलाकात कर अपनी क्षेत्रीय समस्याओं को रखा है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ना केवल विपक्षी दलों के विधायकों की समस्याओं को गंभीरता से जानने और उनका समाधान करने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं, बल्कि सत्ता और विपक्षी दलों के बीच की खाई को भी दूर करने के लिए आने वाले दिनों में कुछ और बड़े प्रयास करने पर भी विचार किया जा रहा है। तीरथ सिंह रावत के सरल स्वभाव को हर कोई जानता है और उनका आम लोगों से इन दिनों सीधे संवाद करना लोगों का भी दिल जीत रहा है। यही नहीं उनका यह व्यवहार आम लोगों के साथ कांग्रेसियों को भी अपना मुरीद कर रहा है।
*हिलखंड*
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