उपनलकर्मियों में सरकार को लेकर नाराजगी, मंत्रिमंडलीय उपसमिति के प्रस्ताव पर मुहर न लगने से नाराज कर्मी

उत्तराखंड में उपनल कर्मियों को लेकर मंत्रिमंडल ने निर्णय ले लिया है और मंत्रिमंडलीय उप समिति के प्रस्ताव को नकारते हुए सरकार ने 10 साल तक की सेवा वाले उपनल कर्मियों के ₹2000 और 10 साल से ज्यादा सेवा वाले उपनल कर्मियों के ₹3000 मानदेय बढ़ाए गए हैं। इस बढ़ोतरी को दिवाली से पहले सरकार की सौगात माना जा रहा था लेकिन उपनल कर्मियों ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि जब मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन उपनल कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी से जुड़े मुद्दे को लेकर किया गया था तो फिर उसके प्रस्ताव से हटकर यह निर्णय कैसे ले लिया गया। आपको बता दें कि हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल योग समिति का गठन किया गया था जिसने 15000 से 40000 तक वेतन करने को लेकर अलग-अलग लैब में मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। लेकिन कैबिनेट ने इन सभी सहमति से हटकर एक अलग फार्मूले पर काम किया और उसे मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले के बाद उपनल कर्मी सवाल उठा रहे हैं कि जब उपनल कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर मंत्रिमंडल योग समिति के प्रस्ताव को किसी भी स्तर पर मानना नहीं था तो फिर ऐसी मंत्रिमंडल समिति बनाई ही क्यों गई। उधर उपनल कर्मी इस बात को लेकर भी अनजान है कि जो बढ़ोतरी की गई है उसमें भी क्या कोई कटौती की जाएगी या कटौती के बाद इस रकम को दिया जाएगा।

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